बृजेश मिश्र, पूर्वांचल प्रेस, मऊ।
माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा हुई है। शनिवार को मऊ कोर्ट ने यह फैसला दिया। सजा का ऐलान के साथ ही अब्बास की विधायकी भी चली जाएगी।
कोर्ट ने अब्बास के साथ ही उनके चुनाव एजेंट मंसूर को 6 महीने की सजा सुनाई हैं। दोनों पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने आज सुबह साढ़े 11 बजे दोनों को दोषी करार दिया था, जबकि अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया था।
मामला 2022 विधानसभा चुनाव का है। इस दौरान एक चुनावी रैली में अब्बास ने कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वही रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा। फिर ट्रांसफर होगा।
सजा के ऐलान के बाद कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस के साथ-साथ एसओजी के जवान भी तैनात हैं। कोर्ट में पेशी से पहले अब्बास के एक समर्थक ने जबरन कोर्ट में घुसने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
अब्बास ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक हैं। अब्बास अपने छोटे भाई उमर अंसारी और समर्थकों के साथ शनिवार सुबह 8 बजे कोर्ट पहुंचे। उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन भी किया।
विधायकी बचाने के लिए अब्बास के पास क्या रास्ते, जानिए
कानून के जानकारों का कहना है कि सजा के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकते हैं। इस मामले में उन्हें अधिकतम सजा हुई है। वे सजा को रद्द कराने या सजा कम कराने की अपील कर सकते हैं। हाईकोर्ट अगर सजा पर रोक लगाता है, तो सदस्यता फिलहाल बनी रह सकती है।
मगर यह कार्रवाई सीट रिक्त घोषित होने से पहले होनी चाहिए। मामला अब्बास अंसारी से जुड़ा है। इसलिए कोर्ट के आदेश की प्रति सोमवार को विधानसभा में पहुंच जाएगी। विधानसभा सचिवालय सोमवार या मंगलवार तक ही सीट रिक्त करने की घोषणा कर दी जाएगी।
हाईकोर्ट से अगर राहत नहीं मिलती है, तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अगर वहां से भी राहत नहीं मिलती तो विधायकी जाना तय है।
