बलिया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार शुक्रवार को कृषि भवन परिसर में प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट आफ क्रॉप रेसिड्यू योजना के अंतर्गत फसल अवशेष /पराली प्रबंधन हेतु जागरूकता अभियान को लेकर आयोजित की गई किसान गोष्ठी को संबोधित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह किसान गोष्ठी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने वायु प्रदूषण के बारे में पराली जलाने से होने वाली हानियों एवं वर्तमान में दिल्ली एनसीआर का उदाहरण दिया और बताया कि कैसे दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषित हो गई है, जिसके चलते सांस लेने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे बलिया के किसान जागरूक हैं और जो भी सरकार और माननीय उच्च न्यायालय का निर्देश होता है उसे लागू करने पर जोर देते हैं।
उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन दो माध्यमों से हो सकता है एक तो डीकंपोजर के द्वारा, दूसरा गौशालाओं में पराली दो और खाद लो योजना के द्वारा। जिन गांवों के पास गौशालाएं हैं वे किसान इस योजना का लाभ उठाएं। पराली जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति कम होती है जैविक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटना को केंद्र सरकार और राज्य सरकार सेटेलाइट के माध्यम से मॉनिटर कर रही हैं, इस माध्यम से पराली जलाने के स्थान का सही पता चल जाता है। उन्होंने किसानों से अपील किया कि आगे से जनपद में पराली जलाने की एक भी घटना न होने पाए, इस बात का ध्यान रखा जाए।
जिलाधिकारी ने कृषि उपनिदेशक को निर्देश दिया कि पराली के बदले खाद देने का कार्यक्रम गौशालाओं में जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि उपनिदेशक ने बताया है कि वर्तमान में जनपद में 6 बेलर मशीन आ गई हैं, इसका उपयोग हर ब्लॉक स्तर पर जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। आगे भी ऐसी मशीनों को मंगाया जाएगा। उन्होंने गोरखपुर की पराली से गत्ते बनाने वाली कंपनी का जिक्र किया और कृषि उपनिदेशक को निर्देश दिया कि इस कंपनी से समझौता कर पराली प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। अगर यह समझौता हो जाए तो दूसरे जनपदों के लिए यह व्यवस्था उदाहरण बनेगी।
जिलाधिकारी ने किसानों से अपील किया कि वे अपने धान की पैदावार को सरकार द्वारा खोले गए धान क्रय केंद्रों पर ही बेचें। उन्होंने खरीद संबंधी कोई भी शिकायत मिलने पर कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया। उन्होंने श्री अन्न योजना के अंतर्गत जनपद में किए गए बीज वितरण के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों और किसानों को बधाई दी।