बृजेश मिश्र, पूर्वांचल प्रेस – मऊ।
मऊ में नगर पालिका के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। काशीराम आवास में रहने वाले सैकड़ों लोग महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग गंदगी के बीच रहने के लिए मजबूर हैं। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री ए. के. शर्मा तमाम अभियान चलाकर साफ-सफाई के बड़े-बड़े दावे करते हैं वहीं दूसरी तरफ नगर विकास मंत्री के गृह जनपद में नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी उनके तमाम दावों पर पलीता लगाते दिखाई दे रहे हैं।
इन दिनों चारों तरफ त्योहार का माहौल बना हुआ है। लोग दीपावली का त्योहार मनाने के साथ आगामी छठ पूजा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों को काशीराम आवास में फैली गंदगी दिखाई नहीं दे रही है। हालांकि लोगों ने गंदगी के संबंध में नपा से शिकायत भी की है, इसके बावजूद भी साफ-सफाई का कहीं दूर-दूर तक पता नहीं चल रहा है।
नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत परदहां स्थित कांशीराम आवास में रहने वाले लोगों ने नगर पालिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि सफाई कर्मचारी आवास की तरफ साफ-सफाई नहीं करते हैं। उनसे सफाई के लिए कहने पर उनके द्वारा साफ-सफाई करने से मना कर दिया जाता है। ऐसे में कांशीराम आवास के लोगों ने नगर पालिका के संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर साफ-सफाई करने के लिए कहा था, इसके बावजूद भी पिछले कई महीनों से यहां साफ-सफाई नहीं हुई है।
कई बार बिगड़ जाती है तबीयत
काशीराम आवास में रहने वाली कमलावती ने बताया कि हम इसी गंदगी के बीच में रहने के लिए मजबूर हैं। आवास के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है, बारिश होते ही बाहर का कचड़ा गंदा पानी के साथ घर में घुस जाता है। नगर पालिका के लोगों से शिकायत करने पर भी यहां साफ-सफाई नहीं कराई जाती है। गंदगी में रहने से कई बार हम लोगों की तबीयत भी खराब हो जाती है। हमारी मजबूरी है कि हम यहां से कहीं और जा भी नहीं सकते हैं । साफ-सफाई नहीं होती है तो हम इसी गंदगी के बीच में रहने के लिए मजबूर हैं।