स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ ने किया विश्वविद्यालय की शुल्क बृद्धि का विरोध

राजपुर (कानपुर देहात)। स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ के संगठनमंत्री डॉ. अनिलकुमार पोरवाल ने बताया कि संयुक्त हस्ताक्षरों से विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेजा गया है, जिसमें कौरोना काल के मद्देनजर परीक्षा शुल्क माफ किए जाने अथवा विशेष परिस्थिति में पूर्व निर्धारित 585 रुपये विश्वविद्यालय शुल्क के अलावा अन्य शुल्क न वसूले जाने की मांग की गई है।
संघ के संगठनमंत्री का कहना है कि कौरोना काल में देश की अन्य संस्थाओं की तरह स्ववित्तपोषित महाविद्यालय भी कठिन दौर से गुज़र रहे हैं, ऐसे में जानकारी मिली है कि अब विश्वविद्यालय की ओर से प्रति सेमेस्टर शुल्क 585 रुपये के अलावा नामांकन शुल्क 200 रुपये, प्रैक्टिकल/वायवा शुल्क 100 रुपये, एलूमिनी फीस 50 रुपये, स्पोर्ट्स फीस 20 रुपये, प्रोसेसिंग फीस 50 रुपये मिलाकर कुल 1005 रुपये के हिसाब से वसूली की जाएगी। इसके अलावा अॉनलाइन रजिस्टरेशन शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये के हिसाब से जमा कराया गया है। गौरतलब है कि 1998 में स्ववित्तपोषित योजना के तहत संचालित महाविद्यालयों में बीए, बीएससी, बीकाम के लिए 5000 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया था, जिसमें आज तक कोई बृद्धि नहीं हुई है, जबकि विश्वविद्यालय की शुल्क कई गुना बढ़ी है। स्ववित्तपोषित महाविद्यालय भी मंहगाई से प्रभावित हुए हैं।

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