मऊ में निजी अस्पतालों की मनमानी के चलते आए दिन धन उगाही के मामले सामने आते रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की अनदेखी और निष्क्रियता से निजी अस्पताल संचालकों और चिकित्सकों द्वारा इलाज के नाम पर मरीज की जान के साथ खिलवाड़ और तीमारदारों का दोहन किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला नगर क्षेत्र के भीटी स्थित एक निजी अस्पताल से निकलकर सामने आ रहा है, जिसमें
एक महिला मरीज के पित्त की थैली में पथरी का गलत ऑपरेशन करने का आरोप लगाया जा रहा है। मरीज के परिजन बताते हैं कि लगभग एक हफ्ते तक अस्पताल में भर्ती करके पित्त की थैली में एक पथरी ऑपरेशन किया गया।
एक हफ्ते तक लगातार चले इस उपचार के लिए चिकित्सकों ने हजारों रुपए जमा करवा लिए, लेकिन एक हफ्ते बाद भी मरीज की सेहत में सुधार नहीं देखने को मिला। इसके बाद फैसला किया कि हम अपने मरीज का इलाज दूसरे किसी अस्पताल में कराएंगे। इसके बाद हमने अपने मरीज को वहां से डिस्चार्ज कराकर शहर के एक दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया।
थाना कोतवाली में की शिकायत अस्पताल में भर्ती करने के कुछ देर बाद सभी जांच किए गए। इसके बाद चिकित्सकों ने बताया कि मरीज का ऑपरेशन सही तरीके से नहीं किया गया था। इतना सुनते ही हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई और हमने फैसला लिया कि ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवाज उठाएंगे। हमने सर्वप्रथम मुख्य चिकित्सा अधिकारी और थाना कोतवाली में उक्त हॉस्पिटल और चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र दिया।
सुनवाई नहीं हुई तो एसपी से मिली इतना सब करने के बाद भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए हम लोग पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर पहुंचे हैं। उन्होंने आगे बताया कि हमने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता गीता राजभर ने बताया कि जिस तरीके से उक्त अस्पताल के चिकित्सकों ने हमारी भाभी की जान के साथ खिलवाड़ किया है ऐसा और किसी के साथ न हो इसलिए हमने पुलिस अधीक्षक से उस अस्पताल और वहां के चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।