बृजेश मिश्र ब्यूरोचीफ-मऊ, पूर्वांचल प्रेस। हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज का मऊ में विरोध: अधिवक्ताओं का आंदोलन हुआ तेज,सरकार का पुतला फूंककर की नारेबाजी।

मऊ जनपद में हापुड़ की घटना को लेकर अधिवक्ताओं का आंदोलन तेज होता दिखाई दे रहा है। पिछले कई दिनों से अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर सरकार के सामने अपना विरोध प्रकट किया। लेकिन उससे बात बनती नहीं दिखाई दे रही है। अधिवक्ताओं की मांगों पर कोई सुनवाई ना होता देख अधिवक्ताओं ने अपने आंदोलन को और उग्र करने का फैसला लिया है।

एक तरफ जहां अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से कचहरी में पहुंचे वादकारियों को काफी परेशानियों का
सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों सभी मामलों में कोर्ट तारीख पर तारीख देती जा रही है लेकिन सुनवाई नहीं हो रहा है। दूसरी तरफ अधिवक्ताओं का यह हड़ताल अब उग्र रूप लेता दिखाई दे रहा है। दीवानी न्यायालय समेत कलेक्ट्रेट और तहसील के अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

हापुड़ की घटना के खिलाफ गुरुवार को सर्वप्रथम दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार का पुतला फूंका और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। इतना ही नहीं कलेक्ट्रेट और तहसील के अधिवक्ताओं ने भी उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार के खिलाफ पुतला फूंक दिया।
आंदोलन के उग्र होने की चेतावनी

अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो यह आंदोलन और उग्र रूप धारण करेगा। तहसील बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एडवोकेट धनंजय पांडे ने बताया कि हापुड़ की घटना को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता आंदोलनरत है।

प्रदेश सरकार यदि हमारी मांगों को पूरा कर देती है तो हम अपने धरना-प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार को खत्म कर देंगे। प्रदेश सरकार का पुतला फूंक कर हमने अपना विरोध जताया है। हमारी मांगे नहीं पूरी की गई तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।

ये मांगें वकीलों ने उठाईं

सिविल कोर्ट सेंट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री एडवोकेट हरिद्वार राय ने बताया कि बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार आज उत्तर प्रदेश सरकार का पुतला फूंका गया है। हमारी उत्तर प्रदेश सरकार से पांच सूत्रीय मांगे हैं, हापुड़ के डीएम-एसपी समेत सिओ का तबादला किया जाए, सिओ समेत जितने भी लाठी चार्ज के जिम्मेदार है उनको निलंबित कर कार्रवाई की जाए। उत्तर प्रदेश में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। उन्होंने आगे बताया कि हापुड़ की घटना में घायल अधिवक्ता साथियों को एक छोटा वाला मंत्री भी देखने नहीं गया है। लाठी चार्ज में घायल अधिवक्ता साथियों को 25-25 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए। इसी के साथ जिन अधिवक्ता साथियों पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है उसे खत्म किया जाए। हमारी मांगे अगर नहीं सुनी गई तो यह आंदोलन और उग्र हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में 475 बार एसोसिएशन आंदोलन को उग्र रूप देने के लिए तैयार है।

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