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सांस्कृतिक विरासत व मूल्य आधारित हो भारत का विकास

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बेरुआरबारी ।जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में ‘विकसित भारत @2047: समकालीन भारत में मानवाधिकार तथा सामाजिक न्याय को बढ़ावा’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का बुधवार को शुभारंभ हुआ। भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) तथा राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. रजनीकांत पाण्डेय, पूर्व कुलपति, सिद्धार्थ विवि ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय संविधान में मूल अधिकार और राज्य के नीति निदेशक तत्व सम्मिलित हैं जो सामाजिक न्याय और मानव अधिकारों को संरक्षण प्रदान करते हैं। करुणा, प्रेम, सत्य, अहिंसा, ईमानदारी आदि किसी भी धर्म के मूल अंग होते हैं। ये ही विकसित भारत में मानव की गरिमा को स्थापित करने में सहायक होंगे।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि हमें विकसित भारत चाहिए विकसित इंडिया नहीं विकास का आधार भारत की सांस्कृतिक परंपरा हो। भारत की सांस्कृतिक और भौगौलिक विविधता के आधार पर उचित प्रौद्योगिकी एवं उद्योग के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है।

प्रथम तकनीकी सत्र के वक्ता प्रो. रिपुसूदन सिंह, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विवि लखनऊ ने कहा कि गुणात्मक परिवर्तन बहुत कम मात्रा में होते हैं। वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति को भारत की संस्कृति से जोड़ना होगा। हम अमेरिका का अंधानुकरण नहीं कर सकते।
विकासप्रो. विश्वनाथ मिश्र, आर्य महिला कालेज वाराणसी ने बताया कि प्रकृति के दोहन से होने वाले विकास की सीमाएँ हैं। हमें गांधी के बताये रास्ते, धर्म के रास्ते को अपनाना होगा, जिसमें शुचिता, अपरिग्रह, असंचय आदि पर बल दिया गया है।

द्वितीय तकनीकी सत्र के वक्ता प्रो. अमित सिंह आरएसएम पीजी कालेज, बिजनौर ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि मानवीय विवेक और मूल्यों पर डिजिटल क्रांति का प्रभाव पड़ रहा है। सामाजिक संस्कृति का क्षरण हो रहा है। ऐसे दौर में सरकार और समाज को पुनर्मूल्यांकन करना होगा। जीवन, जीविका और मानव गरिमा को स्थापित करना होगा। प्रो. विपिन कुमार नीरज, उपाधि महाविद्यालय, पीलीभीत ने कहा कि लोकतंत्र की मर्यादा को सुरक्षित रखना होगा। विकास की बुनियाद आज के चिंतन पर आधारित होगी। हमें अपनी अर्थ व्यवस्था और समाज व्यवस्था को सुदृढ़ करना होगा।
प्रो. तरुण कुमार द्विवेदी, गोकुल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, पाटन, गुजरात ने कहा कि मानव अधिकार की रक्षा में सरकार और न्यायपालिका की भूमिका को रेखांकित किया।
सायंकाल पैनल डिस्कशन का सत्र आयोजित हुआ, जिसमें जेएनसीयू से डाॅ. पुष्पा मिश्रा, डाॅ. प्रियंका सिंह, डाॅ. अजय चौबे ने विकसित भारत @2047 के लिए भारत के मार्ग के संदर्भ में विचार विमर्श किया।
कार्यक्रम की संयोजिका डाॅ. रजनी चौबे ने संगोष्ठी की थीम को प्रस्तुत किया। विभिन्न सत्रों का संयोजन डाॅ. अनुराधा राय एवं वैभव कुमार द्विवेदी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. छबिलाल ने किया। कुलसचिव एस एल पाल, वित्त अधिकारी आनंद दूबे के साथ परिसर एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी उपस्थित रहे।
सुधीर कुमार मिश्र।

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