बृजेश मिश्र, पूर्वांचल प्रेस, मऊ।
मऊ में 30 ऐसे शातिर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पिछले तीन सालों में 70 करोड़ रूपये से भी अधिक की ठगी कर ली है। मऊ की साइबर टीम और शहर कोतवाली पुलिस ने गोरखपुर से बीते रविवार को इन सभी शातिरों को उठाया था। इसके बाद बुधवार को मामले का खुलासा करते हुए एसपी इलामारन जी. ने ऑनलाइन सट्टेबाजी से करोड़ों रुपयों की हेराफेरी करने वाले संगठित गिरोह का फर्दाफाश किया है।पुलिस के अनुसार वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) से मिली जानकारी के आधार पर मऊ के थाना हलधरपुर क्षेत्र अंतर्गत मड़ैली बढ़नपुरा गांव के रहने वाले सुमित यादव के खाते में संदिग्ध रूप से लाखों का लेन देन किया जा रहा था। जांच में पता चला कि सुमित प्रयागराज में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है।
पुलिस ने जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो पता चला कि उसने अपने दोनों बैंक खाते को 17 हजार रुपये में छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी अरविंद कुमार चौधरी को बेच दिया है। पुलिस को मिली एफआईयू के रिपोर्ट के अनुसार नवंबर और दिसंबर महीने में उसके एक खाते में 38 लाख और दूसरे में 54 लाख का लेनदेन हुआ था।
नगर कोतवाल अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच पड़ताल शुरू की
इसके बाद एसपी के आदेश पर साइबर टीम और नगर कोतवाल अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच पड़ताल शुरू की गई। इस दौरान यह पता चला कि ऑनलाइन सट्टेबाजी से ठगी करने वाले गोरखपुर के जेमिनी पैराडाइज में बैठे हुए हैं। जहां से इस पूरे सिंडिकेट के मास्टरमाइंड अरविंद कुमार चौधरी और चंदन गुप्ता समेत कुल 30 शातिरों को गिरफ्तार कर लिया।
मऊ और गोरखपुर समेत बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा के शातिर शामिल
इस पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए एसपी इलामारन जी.
ने बताया कि पिछले तीन साल से भी अधिक समय से सभी ऑनलाइन सट्टेबाजी के माध्यम से ठगी करते आ रहे हैं। यह पूरा खेल रेड्डी बुक और बीन बज ऐप और वेबसाइट पर चलता था। इसमें उत्तर प्रदेश के मऊ और गोरखपुर समेत बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा के शातिर शामिल हैं। इन सभी की उम्र लगभग 22 से 35 साल के बीच में है।
अभी भी इस सिंडिकेट के कुछ मेंबर फरार चल रहे हैं
एसपी ने बताया कि इस सिंडिकेट के माध्यम से पूरे भारत में अवैध सट्टेबाजी का धंधा किया जा रहा था। जिसमें ज्यादातर गरीब लोगों को रुपयों का लालच देकर फंसाया जाता था। उन्होंने बताया कि इस सिंडिकेट पर पिछले तीन महीने से पुलिस ने नजर रखी हुई थी। अभी भी इस सिंडिकेट के कुछ मेंबर फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश के लिए कई टीमें लगी हुई हैं। एसपी ने गिरोह को पकड़ने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
