बृजेश मिश्र, पूर्वांचल प्रेस, मऊ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ में बाल निकेतन रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहे रेल ओवर ब्रिज (ROB) के निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने आरओबी के निर्माण में आने वाली 250 से अधिक दुकानों, मकानों, सरकारी भवनों और धार्मिक स्थलों को बिना अनुमति के ध्वस्त करने पर रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया। कोर्ट ने जिलाधिकारी और नगर मजिस्ट्रेट द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र से असंतोष व्यक्त किया। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जब तक संपत्ति के मालिक या कब्जाधारी स्वेच्छा से अपनी जमीन या मकान देने की सहमति नहीं देते, तब तक कोई ध्वस्तीकरण नहीं किया जा सकता।वर्तमान में आरओबी का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें छह से अधिक पिलर का काम पूरा हो चुका है और रेलवे लाइन के दूसरी तरफ पिलर का निर्माण जारी है। यह मामला हट्ठीमदारी स्थित सिंधी कॉलोनी के निवासी कमलेश कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर आधारित है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार समेत सात पक्षकारों को विपक्षी बनाया गया था। अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की गई है।
