विजय कुमार यादव, पूर्वांचल प्रेस, मऊ।
मऊ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 43 साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले की वजह से घोसी से सपा विधायक सुधाकर सिंह 43 साल पुराने एक मामले में दोषमुक्त हो गए हैं। सीजेएम के इस फैसले से विधायक के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। लोगों का कहना है कि देर से ही सही लेकिन आखिर में जीत सच्चाई की हुई है।
पूरा मामला वर्ष 1981 का है। इसमें घोसी विधायक सुधाकर सिंह पर एसडीएम कार्यालय में जबर्दस्ती घुसकर आदेश की कॉपी फाड़ने और सरकारी कार्य में अवरोध उत्पन्न करने का आरोप था। न्यायायिक मजिस्ट्रेट डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह ने 43 साल पुराने इस मामले में साक्ष्यों के अभाव में विधायक सुधाकर सिंह को दोषमुक्त कर दिया है।
इस मामले में विधायक सुधाकर सिंह के अधिवक्ता हरिकांत सिंह ने बताया कि 1981 के एक मामले में सीजेएम का आदेश आया है। जिसमें अभियुक्त सुधाकर सिंह पर आरोप था कि एसडीएम घोसी की अदालत में सिविल प्रकृति का मुकदमा चल रहा था, इसमें न्यायालय के फैसले की प्रति को देखने के बाद फाड़ दिया गया था।
इसमें एसडीएम पेशकार ने सुधाकर सिंह और एक अन्य के खिलाफ घोसी थाने में धारा 143, 353, 204 के तहत सरकारी दस्तावेज को नष्ट करने और सरकारी कार्य में अवरोध का मामला दर्ज कराया था। मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाने के कारण विधायक सुधाकर सिंह को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह ने सभी आरोपों से दोष मुक्त कर दिया है।