सूर्यकान्त सिंह, पूर्वांचल प्रेस, गोरखपुर।
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) के स्थापना दिवस की तैयारियां जोरों पर हैं। इसे लेकर कमिश्नर अनिल ढींगरा ने गीडा और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें निर्देशित किया कि जिले के क्लास 9 और उससे ऊपर के सभी स्टूडेंट्स को ट्रेड शो में लगने वाले गोरखपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों के उत्पाद दिखाए जाए।
साथ ही उनके बारे में उन्हें पूरी जानकारी दी जाए। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को बच्चों को स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालय से लाने के लिए दोनों दिन 10-10 रोडवेज बसों की व्यवस्था करने को कहा है। कमिश्नर ने यह भी निर्देशित किया कि पूर्वांचल के ODOP के उत्पादों की तो प्रदर्शनी लगाई ही जाए साथ ही गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल के जिलों के क्षेत्रीय उत्पादों के भी स्टाल लगाए जाएं। उनके उद्यमियों और किसानों को भी ट्रेड शो में बुलाया जाए।
30 नवंबर को मनेगा 35वां स्थापना दिवस दरअसल, 30 नवंबर को GIDA के 35वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्यमियों को 85 नए औद्योगिक भूखंडों का आवंटन पत्र सौंपेंगे। इन नई इकाइयों की स्थापना से गोरखपुर में 1286 करोड़ रुपये के निवेश और 5200 लोगों के रोजगार की राह खुलेगी। GIDA की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अनुज मलिक ने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर 30 नवंबर और एक दिसंबर को कुल 150 स्टाल लगाए जाएंगे।
इनमें 100 स्टाल गोरखपुर की बड़ी, मध्यम और सूक्ष्म इकाइयों और 50 स्टाल प्रदेश के ODOP उत्पादों के लिए सुरक्षित किए गए हैं। जिलों के स्थानीय उत्पादों के लिए जरूरत पड़ने पर स्टाल की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
गीडा ने एक्वायर की 501.68 एकड़ जमीन
पिछले एक साल में (31 अक्टूबर, 2024 तक) GIDA ने 501.68 एकड़ भूमि अधिगृहीत की है, जो पिछले साल की तुलना में दोगुना है। साल 2023-24 में GIDA ने 250.46 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। जमीन की मांग और उसी के सापेक्ष अधिग्रहण की बढ़ती रफ्तार यह बताती है कि गीडा, पूर्वांचल के बड़े औद्योगिक हब के रूप में तेजी से आकार ले रहा है।
गीडा में पेप्सिको का बाटलिंग प्लांट, सीपी मिल्क (ज्ञान डेयरी), तत्वा प्लास्टिक, गैलेंट समूह और अंकुर उद्योग की इकाइयां उत्पादन कर रही हैं, तो सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन का भंडारण गृह भी बनकर तैयार है। इसके अलावा केयान डिस्टिलरी समेत कई बड़ी इकाई निर्माणाधीन हैं। गीडा में अपनी यूनिट लगाने के लिए कोका कोला, बिसलेरी, अडानी और जेके ग्रुप (सीमेंट फैक्ट्री के लिए) जैसे बड़े औद्योगिक घरानों ने भी जमीन की मांग की, जिसे गीडा ने उनकी पंसद के हिसाब से उपलब्ध कराया।