आलोक रंजन, पूर्वांचल प्रेस, मऊ।
मधुबन खंड शिक्षा अधिकारी फतेहपुर मंडाव, श्याम सुंदर पटेल ने परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए नई शिक्षण विधियों से अवगत कराया।
इस दौरान उन्होंने शिक्षकों को नित नई शिक्षण गतिविधियों को अपनाने पर बल दिया और बताया कि कैसे इन विधियों को अपनाकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
शिक्षण में नए प्रयोगों की आवश्यकता
सुल्तानपुर बारहगांवा न्याय पंचायत के उसुरी में आयोजित संकुल बैठक में शिक्षकों को विभिन्न विधियां समझाई गईं। खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शिक्षण कार्य में निरंतर नए प्रयोग किए जाने चाहिए। इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी और वे निपुणता भी हासिल कर सकेंगे। बीईओ ने शिक्षकों से अपने टीएलएम (Teaching Learning Material) के साथ अनुभव साझा करने का आग्रह किया।
पठन-पाठन को रुचिपूर्ण बनाने की आवश्यकता
बीईओ श्याम सुंदर पटेल ने पठन-पाठन को रुचिपूर्ण बनाने पर जोर दिया। उनका कहना था कि यह बच्चों को न केवल आकर्षित करेगा, बल्कि उनके सीखने की प्रक्रिया को भी मजबूत करेगा। इस दौरान, शिक्षकों को प्रभावी शिक्षण विधियों के बारे में भी टिप्स दिए गए।
मीटिंग के दौरान एफएलएन (Foundational Literacy and Numeracy) प्रशिक्षण में प्राप्त प्रभावी शिक्षण वीडियो पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा, रिमेडियल टीचिंग और बच्चों को निपुण बनाने को लेकर अध्यापकों ने एक-दूसरे से अपने विचार साझा किए। साथ ही, विद्यालय के टाइम एंड मोशन और छात्र-छात्राओं के उत्कृष्ट विकास को लेकर भी चर्चा हुई।
ब्लाक अध्यक्ष ने की मीटिंग की अध्यक्षता
इस संकुल बैठक की अध्यक्षता प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष मनमोहन पाण्डेय ने की। उन्होंने मीटिंग में प्रस्तुतीकरण पर फीडबैक लिया और बच्चों के शिक्षण कार्य को प्रभावी बनाने के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
इस बैठक में नोडल संकुल कन्हैया यादव, संतोष शर्मा, रामानंद, अशोक सिंह, विनोद सिंह, ममता पांडेय, नीलम सिंह, सुषमा मल्ल, नेहा और अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।