सूर्यकान्त सिंह, पूर्वांचल प्रेस, गोरखपुर।
” आई हेट्स गर्ल एंड लेडीज। मुझे जब भी गुस्सा आता है, मैं किसी न किसी महिला को मारता-पीटता हूं। इनका दर्द से तड़पना देखकर खुश होता था, खून देखकर सुकून मिलता है।
ये कहना है 20 साल के अजय निषाद का। इसे गोरखपुर पुलिस साइको बता रही। ऐसा साइको, जिसने 5 महिलाओं पर बेवजह हमला किया। इनमें एक की मौत भी हो गई।
गोरखपुर पुलिस ने 150 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद अजय को गिरफ्तार किया। उसने पुलिस के सामने अपना जुर्म भी कबूल किया। ये भी बताया कि महिलाओं से नफरत क्यों करता है?
पहले एक नजर पूरे मामले पर
13 नवंबर, 2024 की देर रात झंगहा पुलिस स्टेशन एरिया के मंगलपुर गांव में शांति देवी (25) पर हमला हुआ। सिर पर डंडे या लाठी से वार किया गया। उनका सिर फट गया, 12 टांके लगे।
होश में आने के बाद शांति देवी ने पुलिस को घटना के बारे में बताया। कहा- मैं बरामदे में सो रही थी, तभी एक लड़के ने मेरे सिर पर हमला किया। वो मेरे चेहरे को कूचना चाहता था। हमला करने के बाद वह कुछ देर रुका और जब शांति दर्द से चिल्लाने लगीं, तो हंसते हुए भाग निकला।
पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद जांच-पड़ताल शुरू की। पुरानी रंजिश खंगाली गई। लेकिन, कहीं कुछ सुराग नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने इलाके के करीब 150 सीसीटीवी खंगाले। इनमें से एक कैमरे में एक युवक रात को भागता हुआ दिखाई दिया। इसके बाद पुलिस ने 50 नंबरों की सीडीआर चिह्नित किए। फिर आरोपी अजय निषाद पकड़ा गया।
पहले बोला- मुझे कुछ नहीं पता, फिर सुनाई पूरी कहानी घटना के 4 दिन बाद आरोपी अजय निषाद को पुलिस ने उसके घर से पकड़ा। पूछताछ में पहले अजय बोला- मैं कुछ नहीं जानता। मुझे कुछ नहीं पता। मैं सूरत में काम करता हूं। पेंट-पालिश का कारीगर हूं। मुझे छोड़ दीजिए। मुझे काम पर लौटना है। त्योहार में आया था।
पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज दिखाया तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने पूछा कि तुमने शांति देवी को क्यो मारा? तब अजय बोला- मुझे लड़कियों से नफरत है। मैंने सिर्फ शांति को नहीं, 4 और महिलाओं को भी पीटा है। इसमें एक तो मर भी गई है।
मैं शनिदेव का भक्त हूं, कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता
अजय ने बताया, मैं शनिदेव का भक्त हूं। कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता। मैं काली शर्ट इसलिए ही पहनता हूं। मैंने 5 महीने में 5 महिलाओं को मारा। लेकिन, 13 नवंबर वाली घटना में फंस गया। मुझे कोई नहीं पकड़ पाता। क्योंकि मुझे पता होता था कि कहां सीसीटीवी लगा है। मैं वहां मुंह छिपा लेता था।
लड़कियों और महिलाओं को मारता तो सुकून मिलता
आरोपी ने बताया- जेल से निकलने के बाद मैं छोटी-मोटी चोरी करने लगा। इस दौरान एक बार मैंने एक महिला को लूटना चाहा। यह इसी साल 29 जुलाई की बात है। वो महिला मुझसे भिड़ गई। मैंने उसके सिर पर जोर से डंडा मारा। चोट लगने के बाद जब वो दर्द से तड़पने लगी। तो मुझे बहुत सुकून मिला। उस दिन के बाद जब भी मुझे गुस्सा आता, मैं रात को घर से निकल पड़ता। किसी न किसी महिला को जरूर मारता।
नंगे पैर क्यों जाते थे? सवाल पर अजय ने कहा, भागने में कोई दिक्कत ना हो इसलिए मैं नंगे पैर ही निकलता था। काली शर्ट भी मेरी ढीली है।
घटना के बाद देहरादून की गर्लफ्रेंड को कॉल करता पुलिस ने अजय की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की। तीन घटनाओं में उसका मोबाइल क्राइम स्पॉट पर एक्टिव था। सीडीआर में अजय के नंबर की डिटेल निकाली गई तो उसे देखकर पुलिस भी चौंक गई। घटना के बाद वह अपनी देहरादून की एक गर्लफ्रेंड को कॉल करता था। उससे घंटों बातें करता था।
पूछताछ में अजय ने बताया- देहरादून में मेरी गर्लफ्रेंड है, उससे इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती हुई थी। मेरे पास आईफोन है, इससे रील बनाता था। मेरे अच्छे फॉलोअर्स भी हैं। मैं कुछ दिन पहले देहरादून गया था, अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने, वो मुझसे अच्छे से बात करती है, इसलिए उस पर गुस्सा नहीं आता।
पुलिस ने बताया, अजय सोशल मीडिया का अच्छा जानकार है। घटना को अंजाम देकर वह सूरत भाग जाता था। फिर लौटता, तो अपने गांव या आसपास के इलाकों में घटना को अंजाम देता। इस बार उसने अपने गांव में घटना को अंजाम दिया था।
एसएसपी ने कहा- 5 हथियार बरामद किए गए
SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव और सीओ अनुराग सिंह के नेतृत्व में टीमें लगाई गई थीं। 19 लोगों की टीम ने पूरे मामले का खुलासा किया है। आरोपी की निशानदेही पर लोहे की रॉड, चारपाई का पाया, बांस, लकड़ी का डंडा समेत कुल 5 हथियार बरामद किए हैं।
मेरा बेटा निर्दोष है
अजय के पिता स्वामीनाथ निषाद ने कहा- पुलिस मेरे बेटे को पूछताछ के लिए ले गई थी। बाद में उसे आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया। मेरा बेटा निर्दोष है। पांच भाई और तीन बहनों में वह सबसे छोटा है। इससे पहले पुलिस ने अन्य बेटों से पूछताछ की थी।