बृजेश मिश्र, पूर्वांचल प्रेस, मऊ।
कोपागंज 17 नवम्बर ग्राम सभा खुखुंदवा स्थित ब्लॉक संसाधन केंद्र पर 12 नवम्बर से चल रही पांच दिवसीय नोडल टीचर्स ट्रेनिंग सफलतापूर्वक समाप्त हुई। इस ट्रेनिंग का आयोजन खंड शिक्षा अधिकारी ओपी तिवारी के कुशल मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें विभिन्न परिषदीय विद्यालयों के 57 नोडल टीचर्स ने भाग लिया।
नोडल टीचर्स ट्रेनिंग का उद्देश्य
इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों से संबंधित जानकारी को बढ़ाना और उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा में लाने के उपायों पर प्रकाश डालना था। मास्टर्स ट्रेनर संतोष श्रीवास्तव, रूरज, और परमहंस ने इस विषय पर गहन जानकारी दी। ट्रेनिंग में दिव्यांग बच्चों के चिन्हांकन, उनका नामांकन परिषदीय विद्यालयों में कराना, और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के बारे में विस्तार से बताया गया।
दिव्यांग बच्चों के लिए सरकारी सुविधाएं
खंड शिक्षा अधिकारी ओपी तिवारी ने इस अवसर पर बताया कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें विद्यालयों में नामांकित किया जाना चाहिए।
ताकि वे सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए आर्थिक सहायता के रूप में एस्कार्ट एलाउंस और स्टाइपेंड प्रदान किया जाता है, और इसके अतिरिक्त उन्हें ट्राई साइकिल, व्हील चेयर, सीपी चेयर, श्रवण यंत्र, कैलीपर आदि उपकरण निःशुल्क दिए जाते हैं।
नोडल टीचर्स की जिम्मेदारी
खंड शिक्षा अधिकारी ने नोडल टीचर्स और स्पेशल एजुकेटर्स से अपील की कि वे मिलकर अधिक से अधिक दिव्यांग बच्चों का चिन्हांकन कर उनके नामांकन के लिए कदम उठाएं। उनका उद्देश्य यह होना चाहिए कि कोई भी दिव्यांग बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और उसे समाज की मुख्य धारा में लाने के प्रयास किए जाएं।
उपस्थित लोग और समापन
इस ट्रेनिंग में स्पेशल एजुकेटर संतोष श्रीवास्तव, रूरज, परमहंस और अन्य नोडल टीचर्स ने भाग लिया। ट्रेनिंग के समापन पर सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और उन्हें दी गई जानकारी के बारे में अंतिम सुझाव एवं मार्गदर्शन भी दिया गया। यह ट्रेनिंग दिव्यांग बच्चों के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे वे शिक्षा और समाज में सक्रिय भागीदार बन सकें।