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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन के पुनर्निर्माण का फंड उपलब्ध कराने का आदेश

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बृजेश मिश्र, पूर्वांचल प्रेस, मऊ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ जिले की तहसील मोहम्मदाबाद गोहाना की ग्राम पंचायत अलाउद्दीनपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन को आंशिक ध्वस्त कर पंचायत भवन निर्माण करने पर रोक छह हफ्ते तक जारी रखी है। इस दौरान डीएम व सीएमओ मऊ को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र / जच्चा-बच्चा केंद्र के जर्जर भवन के पुनर्निर्माण की चार हफ्ते में जांच रिपोर्ट तैयार करने व उसके दो हफ्ते में पुनर्निर्माण की कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग उप्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का पुनर्निर्माण कराने का फंड उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि पंचायत भवन स्वास्थ्य केंद्र निर्माण में अवरोधक न बने इसलिए पंचायत भवन के नक्शे में जरुरी संशोधन किया जाय।

कोर्ट ने आदेश के अनुपालन के लिए इसकी प्रति प्रमुख सचिव स्वास्थ्य उ प्र, प्रमुख सचिव पंचायत राज उप्र, जिलाधिकारी व सीएमओ मऊ को भेजने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहाली को लेकर स्वतः कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

जानिये क्या है मामला

दीपचंद ने जनहित याचिका दायर कर पंचायत भवन निर्माण पर रोक लगाने की मांग की, किंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहाली की मांग नहीं की। इसलिए कोर्ट ने उन्हें याची होने से अवमुक्त कर दिया और स्व प्रेरित जनहित याचिका कायम की।

कोर्ट के पूर्व आदेश पर पवन कुमार सिंह व जयदीप कुमार सिंह न्यायमित्र व कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट के साथ सुझाव पेश किए। ग्राम प्रधान श्रीमती शमा परवीन व तहसीलदार मोहम्मदाबाद गोहाना हलफनामे के साथ हाजिर हुए। ग्राम

प्रधान ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र भवन जर्जर हालत में है।जिसको ध्वस्त किए जाने की जरूरत है। उसी आबादी भूमि पर गांव सभा प्रस्ताव से पंचायत भवन निर्माण हो रहा है। जच्चा-बच्चा केंद्र 1987 मे बना था। पिछले 8 साल से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

भवन जर्जर हालत में है। कोर्ट ने कहा प्रधान ने स्वास्थ्य केंद्र की बहाली के लिए किसी भी प्रधान द्वारा कोई प्रस्ताव नही भेजा गया। जबकि गांव में जच्चा-बच्चा केंद्र व स्वास्थ्य केंद्र की जरूरत है। दूसरे केंद्र 8 से 10 किमी दूर है। गांव सभा ने स्वास्थ्य केंद्र को ध्वस्त करने व पंचायत भवन निर्माण का प्रस्ताव दिया, किंतु स्वास्थ्य केंद्र के पुनर्निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं दिया।

तहसीलदार आलोक रंजन सिंह ने कहा गांव सभा के प्रस्ताव पर आबादी भूमि पर पंचायत भवन बन रहा है। जहां पंचायत भवन बनना था, पर्याप्त जमीन नहीं थी। स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हालत में है, इसलिए आंशिक रूप से ध्वस्त किया गया है।

कोर्ट ने कहा वर्तमान व पूर्व के किसी ग्राम प्रधान ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव नहीं दिया। कोर्ट ने कहा आबादी में पंचायत भवन बन सकता है किन्तु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की कीमत पर नहीं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/जच्चा-बच्चा केंद्र का निर्माण कराये। कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है।

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