सूर्यकान्त सिंह, पूर्वांचल प्रेस, गोरखपुर।
गाजियाबाद में जिला जज और अधिवक्ताओं के बीच हाल ही में हुए विवाद ने पूरे उत्तर प्रदेश में हलचल मचा दी है। इस घटना को लेकर वकीलों में गहरी नाराजगी है, जो अब विरोध प्रदर्शन के रूप में सामने आ रही है। आज गोरखपुर में वकीलों ने अंबेडकर चौराहे पर एकत्र होकर प्रदर्शन किया और जिला जज तेज प्रताप तिवारी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगें रखीं।
गाजियाबाद घटना की पृष्ठभूमि
कुछ दिन पहले गाजियाबाद में अधिवक्ताओं और जिला जज के बीच तीखी झड़प हो गई थी। अधिवक्ताओं का आरोप है कि गाजियाबाद के जिला जज ने न केवल उनके साथ मारपीट की, बल्कि प्रशासन का सहारा लेकर उन्हें पीटवाया भी। इस घटना से अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया है और पूरे प्रदेश में वकील एकजुट होकर इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वकीलों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल उनके सम्मान पर आघात हैं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में भी खलल डालती हैं।
गोरखपुर बार एसोसिएशन का आक्रामक रुख गोरखपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडे के नेतृत्व में वकीलों का एक बड़ा समूह अंबेडकर चौराहे पर एकत्र हुआ और जिला जज तेज प्रताप तिवारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद जिला जज द्वारा अधिवक्ताओं से की गई मारपीट और प्रशासन का सहयोग लेकर उन्हें पिटवाने की घटना निंदनीय है। पांडे ने बताया, “यह मामला वकीलों के सम्मान का है। अगर हमारे अपने क्षेत्र में भी न्यायालय का संचालन उचित नहीं होगा तो आम जनता का क्या होगा?”
वकीलों ने अपनी मांगों में कई प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया है, वे चाहते हैं…
1. गाजियाबाद घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी जिला जज को निलंबित किया जाए।
2. राज्य में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
3. इस घटना में घायल हुए अधिवक्ताओं को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
गोरखपुर के वकील यह भी मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार तत्काल अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करे। अधिवक्ताओं का कहना है कि उनके खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं, और इस कानून की कमी के कारण वे असुरक्षित महसूस करते हैं। पांडे ने कहा, “हम बार-बार सरकार से यह कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि हमारे पेशे को सुरक्षा मिल सके और हम बेखौफ होकर न्याय के लिए लड़ सकें।”
अन्य जिलों में भी समर्थन
गोरखपुर के इस विरोध प्रदर्शन में अन्य जिलों के वकीलों ने भी समर्थन दिया है। प्रदेश भर के अधिवक्ताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए सरकार से न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो यह विरोध आंदोलन प्रदेशव्यापी बन सकता है।
प्रशासन और न्यायपालिका पर सवाल
गोरखपुर में हुए इस प्रदर्शन से एक बार फिर से प्रशासन और न्यायपालिका पर सवाल उठने लगे हैं। वकीलों का कहना है कि यदि न्याय दिलाने वाला तंत्र ही उनके साथ अन्याय करेगा तो वे किससे उम्मीद करें? इस प्रदर्शन में शामिल वकीलों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि सरकार को इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि आम जनता और न्यायिक प्रक्रिया में उनकी आस्था बनी रहे।