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चार साल बाद हुआ धोखाधड़ी का खुलासा

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सूर्यकान्त सिंह, पूर्वांचल प्रेस, गोरखपुर।

गोरखपुर के मानबेला और फत्तेपुर में GDA की अधिग्रहित जमीन को निजी संपत्ति बताकर बेचने के नाम पर मर्चेंट नेवी के कैप्टन से 36 लाख रुपये की ठगी करने वाले पिता-पुत्र को चिलुआताल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पेशी के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।

कैप्टन अखिलेश सिंह से किया लाखों का फ्रॉड राप्तीनगर फेज-1 के आनंद विहार कॉलोनी में रहने वाले मर्चेंट नेवी के कैप्टन अखिलेश सिंह ने मई में पुलिस को दी शिकायत में बताया कि फत्तेपुर निवासी शाबान अली और उनके बेटे मो. आलमगीर ने उन्हें GDA की अधिग्रहित जमीन को अपनी बताकर 2019 में 36 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। अखिलेश सिंह ने सौदे पर विश्वास करके रकम चुकाई और ड्यूटी पर चले गए।

एक साल बाद धोखे का खुलासा

ड्यूटी से लौटने पर कैप्टन अखिलेश को मालूम हुआ कि जिस जमीन को उन्होंने खरीदा समझा था, वह असल में GDA द्वारा 2005 में ही अधिग्रहित की जा चुकी थी। रुपये वापस मांगने पर आरोपी पिता-पुत्र ने टालमटोल शुरू कर दी और जान से मारने की धमकी भी देने लगे।

चार साल बाद ठगों पर कसा शिकंजा

चार साल की लंबी कानूनी लड़ाई और शिकायतों के बाद, पुलिस ने आरोपी शाबान अली और मो. आलमगीर को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर धोखाधड़ी और गबन जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं। गिरफ्तारी के बाद रविवार को

अदालत में पेशी हुई, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

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