बलिया कलेक्ट्रेट की सुरक्षा दारूबाज होमगार्ड के हवाले।
प्रमोटी कमांडेंट मनोज सिंह बघेल लापता….?
डीएम कार्यालय की सुरक्षा भगवान भरोसे।
रिपोर्ट राजेश मिश्रा
पूर्वांचल प्रेस
जी हां आपने सही सुना बलिया के जिला कलेक्ट्रेट परिसर की जिम्मेदारी कमांडेंट मनोज सिंह बघेल ने पियक्कड़ होमगार्ड के हवाले कर रखा है।
कलेक्ट परिसर जो संवेदनशील होता है…?
जहां पर जिले की सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का जखीरा होता है।
वहां रात्रिपाली में सुरक्षा चौकस होनी चाहिये लेकिन होमगार्ड विभाग के कमंाडेंट ने मजाक बना रखा है।
हम आप को बता दें कि बलिया में कोई कमंाडेंट नहीं है अतिरिक्त जिम्मेदारी मनोज सिंह बघेल को दिया गया है।
ये वही बघेल हैं,जिनके खिलाफ सरकार के तमाम राज्य मंत्री ,विधायक व प्रतिनिधियों ने शिकायत की लेेकिन मुख्यालय पर बैठे अफसरों की सेटिंग से बचते चले आ रहे हैं।
बात जो भी हो साहब… डीएम साहेब के कार्यालय की सुरक्षा के लिये कमंाडेंट के खास कारिंदे शराबी होमगार्डों के हवाले कर दिया है।
शर्मनाक,शर्मनाक,शर्मनाक।
बलिया में कलेक्ट्रेट में लंबे समय से दर्जनों होमगार्ड अपनी पहुंच के दम पर ड्यूटी कर रहे हैं।
कहने को साफ्टवेयर से डयूटी लगती है लेकिन साम-दाम के दम पर जवान अपनी मनचाही डयूटी लगवा लेेते हैं।
संवेदनशील डयूटी में शुक्रवार को रात्रिपाली में शाम चार बजे से 12 बजे तक होमगार्ड रविन्द्र कुमार की डयूटी लगी थी।
रात आठ बजे ही रविन्द्र कुमार ने परिसर में शराब पी और सो गया।
इस पर वहां मौजूद तीन अन्य जवानों ने जागने को कहा तो सभी को गालियां बकने लगा।
सूचना मिलने पर रात 11 बजे बलिया के ही न्यूज पोर्टल पूर्वांचल प्रेस के संवाददाता भी पहुंच गये उन्हें भी होमगार्ड पाठ पढ़ाने लगा।
जब पूछा गया कि डयूटी पर शराब पी रखे हो तो जवाब मिला हां। हमेशा शराब पीते हो तो जवाब मिला हां, तो?
ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड कन्हैया लाल और राकेश ने बताया कि एक माह से इसकी डयूटी चल रही है हर दिन डयूटी के समय शराब पी लेता है।
मना करो तो गालियां बकने लगता है। अपनी नौकरी बचानी है इसलिये हमलोग किसी से शिकायत नहीं करते हैं।
बात जो भी हो,ये तय करना कमांडेंट और उनके मातहतों का काम है।
रात्रिपाली डयूटी करने वाले जवानों का औचक निरीक्षण करें और इस तरह के गैर जिम्मेदाराना हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
लेकिन यहां मामला उलटा है,जब कमांडेंट ही नियम के खिलाफ जिम्मेदारी संभाल रहे हैं तो जवानों पर क्या अंकुश लगा पायेंगे।
यह भी पता चला है कि द संडे व्यूज की खबर प्रसारित होने के बाद प्रमोटी कमंाडेंट मनोज सिंह बघेल मुख्यालय पर जाकर अपने खास अफसरों के सामने काफी रोया-गिड़गिड़ाया था,जिस पर दयावान अफसरों ने आशीर्वाद का हाथ रख उसे बख्श दिया था।
कमांडेंट का तर्क था कि जिस होमगार्ड ने मेरे ऊपर आरोप लगाया है,उससे काम करने को कहते थे वो मना कर देता था।
अब सेाचने वाली बात यह है कि एक अदना सा जवान मुश्किल से मिलने वाली डयूटी के लिये कमांडेंट को मना क्यों करेगाï?
कुल मिलाकर सारे होमगार्ड बदमाश हैं और प्रमोटी कमांडेंट मनोज सिंह बघेल मासूम हैं।
होमगार्डों ने बताया कि वसूली की रकम लेने के समय प्रमोटी साहेब एक दम डायरेक्ट कमांडेंट की तरह कड़क आवाज में बोलने लगते हैं।
बहरहाल,बलिया के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार का कार्यालय पियक्कड़ होमगार्ड के हवाले है।