सूर्यकान्त सिंह, पूर्वांचल प्रेस, गोरखपुर।
गोरखपुर में दीवाली की रौनक पूरे जोरों पर है। मिठाइयों की मिठास, कपड़ों की चमक और ज्वेलरी की दुकानें पहले ही ग्राहकों को लुभा रही हैं, और अब बारी है पटाखों की धूमधाम की।
जिला प्रशासन ने इस बार शहर के अलग-अलग 14 स्थानों पर अस्थायी पटाखा बाजार स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे लोग आसानी से दीवाली की खरीदारी कर सकें। टाउन हॉल मैदान में लगने वाला कश्मीरी और तिब्बत मार्केट दीवाली के बाद शुरू किया जाएगा, ताकि पटाखा बाजार को बेहतर स्थान मिल सके।
पटाखा दुकानदारों को लेना होगा अग्निशमन प्रशिक्षण पटाखों की बिक्री के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त नियम लागू किए हैं। पटाखा दुकान के सभी संचालकों को अग्निशमन विभाग से प्राथमिक अग्निशमन यंत्रों का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य किया गया है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि केवल उन्हीं दुकानदारों को पटाखा बेचने की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम किए हों। सभी अस्थायी दुकानें विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 2008 और आपात सेवा नियमावली 2023 के तहत ही संचालित होंगी।
पटाखा दुकानों के लिए चयनित स्थानः
* कचहरी क्लब टाउन हॉल
* डीवी इंटर कॉलेज
* राजकीय पालिटेक्निक, असुरन
* नीना थापा इंटर कॉलेज, खोराबार
* राजकीय पुल्ड आवास, बरगदवां
* जनता इंटर कॉलेज, चरगांवा
* लक्ष्मी शंकर खरे पार्क, सूरजकुंड
* दयानंद इंटर कॉलेज
* चंपा देवी पार्क
* डीएवी डिग्री कॉलेज
* राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज
* महंत दिग्विजय पार्क
* सेंट एंड्रयूज इंटर कॉलेज, शास्त्री चौक
* प्रिंसेस लॉन, पादरी बाजार
सुरक्षा के सख्त दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य
* पटाखा दुकानें लोहे की टीन और अज्वलनशील सामग्री से ही बनें; टेंट और कपड़े का उपयोग वर्जित रहेगा।
* दो दुकानों के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी रहे और वे आमने-सामने न हों।
* दुकानें आवासीय, शैक्षणिक, पूजा स्थल और ओवरहेड हाईटेंशन तारों से 50 मीटर दूर हों।
* प्रत्येक दुकान पर 2 से 6 किलो के फायर एक्सटिंग्विशर, 200 लीटर पानी, और 4 फायर बकेट (दो बालू और दो पानी से भरी) होने चाहिए।
* पटाखा बिक्री स्थल पर “नो स्मोकिंग ज़ोन” घोषित किया जाएगा और नजदीकी फायर स्टेशन के नंबर स्पष्ट रूप से लिखकर चस्पा किए जाएंगे।
इस बार सभी पटाखा दुकानदारों को सख्त सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पांच बड़ी अग्निशमन गाड़ियां और अन्य जगहों पर 50 लीटर क्षमता वाली बुलेट तैनात की जाएंगी, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में फौरन काबू पाया जा सके। जसवंत सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी।