गोरखपुर में सैनिक स्कूल की स्थापना कर यहां के विद्यार्थियों में देशभक्ति का जज्बा जगाने और उन्हें सैन्य सेवाओं के लिए तैयार करने का बड़ा कदम उठाया था। हालांकि, दूसरे शैक्षिक सत्र के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू होते ही सैकड़ों छात्र इस दौड़ से बाहर हो गए।
वजह है – परमानेंट एकाउंट नंबर (PAN) का न होना। जिन बच्चों का सपना सैनिक स्कूल में पढ़ने का था, वे सिर्फ PAN नंबर न होने के कारण आवेदन फॉर्म तक नहीं भर पाए।
शुक्रवार को ऑनलाइन आवेदन की आखिरी तारीख समाप्त हो रही है, लेकिन कई अभिभावकों में इस बात को लेकर गहरी नाराजगी है कि शिक्षा विभाग की लापरवाही उनके बच्चों के भविष्य के रास्ते में बाधा बन रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग की प्रक्रिया में खामियां
बेसिक शिक्षा विभाग की प्रक्रिया के तहत हर साल नए सत्र में छात्रों की जानकारी यू-डॉयस पोर्टल पर अपलोड की जाती है, और इसके आधार पर 11 अंकों का PAN नंबर आवंटित किया जाता है। यह नंबर छात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जरूरी है, और सैनिक स्कूल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिले के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन गोरखपुर के कई स्कूल अभी तक यू-डॉयस कोड जनरेट नहीं कर सके हैं, जिसके चलते PAN नंबर जारी नहीं हो पाया। परिणामस्वरूप, इन स्कूलों के सैकड़ों छात्र सैनिक स्कूल में दाखिला लेने से वंचित हो रहे हैं।
छात्रों के सपनों पर बुरा असर
तारामंडल निवासी देवांश ने अपने भाई का फॉर्म भरने के लिए एक स्कूल से संपर्क किया, लेकिन उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि स्कूल को अभी तक यू-डॉयस कोड नहीं मिला है, इसलिए PAN नंबर जारी नहीं हो सका। यही हाल कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के स्कूलों का है, जहां PAN नंबर के अभाव में छात्रों का दाखिला अटका हुआ है। अंबेडकर चौराहा स्थित एक साइबर कैफे पर फॉर्म भराने पहुंचे एक अभिभावक को भी इसी कारण मायूस होना पड़ा।
यू-डॉयस पर लापरवाही, अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के दावे भले ही कुछ भी हों, लेकिन गोरखपुर जिले के कई ब्लॉकों की लापरवाही उजागर हो चुकी है। बीते दिनों, प्रदेशभर में यू-डॉयस पोर्टल पर जानकारी अपडेट न करने वाले 100 से अधिक ब्लॉकों की समीक्षा में गोरखपुर के नौ ब्लॉक भी शामिल पाए गए थे। इस पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने कड़ी नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक जिले का कोई भी ब्लॉक 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया है।
भविष्य के लिए गंभीरता से उठाए जाने चाहिए कदम बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने भी खंड शिक्षाधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर यू-डॉयस अपडेट नहीं हुआ तो वेतन वृद्धि रोकने की सख्त कार्रवाई की जाएगी। एमआइएस इंचार्ज अमरेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि यू-डॉयस पोर्टल पर छात्रों की जानकारी अपलोड करने के निर्देश कई बार दिए जा चुके हैं, फिर भी कई स्कूलों में लापरवाही बरती जा रही है। जब विद्यालयों को अपनी मान्यता रद्द होने का डर सताने लगा, तो आनन-फानन में आवेदन किया गया, और अब इनकी प्रक्रिया शिक्षा मंत्रालय द्वारा की जा रही है।
छात्रों का सपना प्रशासनिक खामियों से न हो प्रभावित
गोरखपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में सैनिक स्कूल में दाखिले का सपना देखने वाले सैकड़ों छात्रों के लिए PAN नंबर की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। यू-डॉयस पोर्टल पर जानकारी अद्यतन न करने के कारण ये बच्चे अपनी योग्यता के बावजूद आवेदन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। सरकार को इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए समय रहते समाधान निकालना होगा, ताकि भविष्य में किसी भी छात्र का सपना प्रशासनिक खामियों की वजह से अधूरा न रह जाए।