दीवाली के बाद आएंगी भारतीय लोमड़ियां और दक्षिण भारत के बोनट मकाक बंदर।
सूर्यकान्त सिंह, पूर्वांचल प्रेस, गोरखपुर।
गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में जल्द ही नए जानवरों का स्वागत होगा। चिड़ियाघर प्रशासन ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है और दिल्ली चिड़ियाघर से नर और मादा भारतीय लोमड़ी लाने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी (CJA) को पत्र भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि दीवाली के बाद ये लोमड़ियां गोरखपुर चिड़ियाघर का हिस्सा बन जाएंगी। जिससे यहां की वन्यजीव विविधता और भी अच्छी होगी।
लोमड़ियों के आगमन से खुलेगा नए विकास का रास्ता गोरखपुर चिड़ियाघर में केवल एक भारतीय लोमड़ी मौजूद है। जिसके कारण इस प्रजाति का कुनबा नहीं बढ़ पा रहा था। चिड़ियाघर प्रशासन लंबे समय से नर-मादा लोमड़ी लाने की कोशिश में था, लेकिन जानवरों के आदान-प्रदान के नियमों के चलते यह प्रक्रिया अटकी हुई थी। हालांकि, अब गोरखपुर चिड़ियाघर को जानवरों के बदले दूसरे जानवर नहीं देने पड़ेंगे। जिससे इस प्रक्रिया में आई अड़चनें दूर हो गई हैं।
चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि अब प्रदेश के कानपुर, लखनऊ और इटावा सैफई चिड़ियाघरों से जानवर दिए जाएंगे। जिससे गोरखपुर चिड़ियाघर को राहत मिली है।
दक्षिण भारत का बोनट मकाक बंदर भी बनेगा हिस्सा लोमड़ियों के साथ ही दक्षिण भारत के प्रसिद्ध बोनट मकाक बंदर को भी गोरखपुर चिड़ियाघर लाने की योजना बनाई गई है। पहले इस पर पत्राचार हो चुका था, लेकिन जानवरों के बदले जानवर देने का नियम अड़चन बन गया था। अब इस समस्या का समाधान हो गया है। जल्द ही यह बंदर भी चिड़ियाघर का हिस्सा बन जाएगा। चिड़ियाघर प्रशासन ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।
चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने बताया कि दिल्ली चिड़ियाघर से दो भारतीय लोमड़ियों के साथ-साथ दक्षिण भारत से बोनट मकाक बंदर लाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। CJA से पत्राचार के बाद लगभग सहमति बन चुकी है, और जल्द ही ये नए वन्यजीव गोरखपुर चिड़ियाघर में अपनी जगह बना लेंगे। जिससे पर्यटकों को भी एक नया अनुभव मिलेगा।