बलिया. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि जो लोग देश में सदभाव का माहौल चाहते हैं, देश को शांति के साथ समृद्धि की ओर बढ़ता देखना चाहते हैं, देश की क़ानून व्यवस्था को भारतीय सविधान के अनुरूप संचालित होते देखना चाहते हैं, वह अब “हमला चाहे जैसा भी हो – हाथ हमारा नहीं उठेगा” के नारे के साथ सड़कों पर निकले और उन लोगों का साथ दें जिन्हें डबल इंजन की सरकार अपनी विफलता छुपाने के लिए सम्प्रदायिकता और जात के आधार पर लगातार टारगेट कर रही है. उन्होंने कहा है कि इस तरह के मामलों में चुप्पी या तटस्थता देश के हित में नहीं है.
रविवार को अपने आवास पर समाजवादी साथियों और पत्रकारों से बातचीत में सपा के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि आज देश का बहुमत मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सरकारी उत्पीड़न से जूझ रहा है. लोग चाहते हैं कि सरकार इन समस्याओं से निजात दिलवाए. और ये सरकारें इस दिशा में कोई प्रयास करने की बजाय अपने कुछ व्यापारी मित्रों क़ी मदद में लगी हुई हैं. उन्होंने कहा कि मूल समस्याओं के तरफ से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ही ये सरकारें साम्प्रदायिक और जातिवादी उन्माद को लगातार हवा दे रही हैं.
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि छह दशक से अधिक के अपने सामाजिक जीवन में मैंने पहली बार ऐसी सरकारों को देखा रहा हूं जो खुद देश और समाज को साम्प्रदायिक और जातवादी उन्माद की आग में झोंक रही है. यही नहीं, इस तरह के मामलों में ये सरकारें अब कार्रवाई भी साम्प्रदायिक और जात के आधार पर कर रही है जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस देश में संविधान सम्मत सरकार के पक्ष में हैं, जो लोग लोकतंत्र के पक्ष में हैं, उन्हें इन सरकारों के पीड़ित लोगों के पक्ष में सड़क पर आकर खड़ा होना चाहिए. ऐसा नहीं किया गया तो देश के कमजोरों, मज़बूरों,किसानों, अल्पसंख्यकों, दलितों और नवजवानों का देश की व्यवस्था से विश्वास उठ जाएगा।