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मऊ में सांसद राजीव राय समेत 15 के खिलाफ केसः- जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान डॉक्टर और सांसद के बीच नोंक-झोंक का विवाद

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बृजेश मिश्र, पूर्वांचल प्रेस, मऊ

मऊ का जिला अस्पताल इन दिनों काफी चर्चा में बना हुआ है। वजह है, सांसद राजीव राय और डा. सौरभ त्रिपाठी के बीच नोंक-झोंक का विवाद। दरअसल, घोसी से सपा सांसद राजीव राय बीते 16 अक्टूबर की दोपहर को अचानक जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए।

इसी दौरान उनकी जिला अस्पताल के ओपीडी में डा. सौरभ त्रिपाठी से नोंक-झोंक हो गयी। उस समय यह बात इतनी आगे बढ़ गयी कि फिर दोनों में से किसी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। देखते ही देखते यह विवाद जिले के आला अधिकारियों समेत प्रदेश के आला कामन तक पहुंच गई।

अब यह विवाद इतना आगे बढ़ चुका है कि जिले से लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी इसकी खूब चर्चा हो रही है। घटना के 24 घंटे के अंदर जिला अस्पताल के सीएमएस ने डा. सौरभ त्रिपाठी के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए सांसद से बदसलूकी करने के आरोप में डॉक्टर से जवाब तलब कर लिया।अब डॉक्टर्स भी कहाँ पीछे रहने वाले थे। घटना के 36 घंटे के अंदर आईएमए जूनियर ने भी एक पत्र जारी करते हुए बिना किसी शर्त के सांसद को डॉक्टर से माफी मांगने के लिए अल्टीमेटम दे दिया। इस बीच सांसद राजीव राय ने मीडिया को एक बयान देते हुए कहा था कि डा. सौरभ त्रिपाठी के पिता डा. जे.एम. त्रिपाठी उनसे मिलने उनके कैम्प कार्यालय पर पहुंचे थे।उधर घटना के 48 घंटे के अंदर सांसद राजीव राय के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया है। आपको बता दें कि डा. सौरभ त्रिपाठी के द्वारा पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर थाना सराय लखंसी पुलिस ने सांसद राजीव राय समेत 15 अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा 221, 132, 352 व 351 (2) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।डा. सौरभ त्रिपाठी ने पुलिस को दिए गए अपने पत्र में कहा है कि 16 अक्टूबर की दोपहर को सांसद राजीव राय के द्वारा ओपीडी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सांसद के साथ 10 से 15 लोग मेरे कक्षा में प्रवेश किये और उन्होंने मेरे ऊपर अभद्र टिप्पणी करते हुए मुझे मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का आरोप लगाया। मेरे हाथ से उपकरण लेकर तोड़ने का भी प्रयास किया गया।

इसी के साथ मुझे दारूबाज डॉक्टर बोला गया एवं अभद्र भाषा में दारू पीकर ड्यूटी करने का आरोप लगाया गया। सांसद व उनके साथ आये हुए लोगों के व्यवहार व अभद्र टिप्पणी से मेरे आत्म सम्मान को बहुत ठेस पहुंची है। सांसद ने ओपीडी के समय आकर सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी कार्य किया है। सांसद के दुर्व्यवहार से समस्त चिकित्सकगण बहुत ही आहत है।

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